भारत की शक्तिशाली महिलाएं: Forbes India W-Power 2025 की प्रेरणादायक कहानियां

भारत की शक्तिशाली महिलाएं: Forbes India W-Power 2025 की प्रेरणादायक कहानियां

परिचय

Forbes India W-Power 2025 सूची भारत की उन आत्मनिर्भर महिलाओं का उत्सव है जो विभिन्न क्षेत्रों में नेतृत्व, नवाचार और प्रेरणा का प्रतीक बनी हुई हैं। यह सूची वित्त, उद्यमिता, खेल, मनोरंजन, प्रौद्योगिकी, सामाजिक प्रभाव और शासन जैसे विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को सम्मानित करती है। ये महिलाएं न केवल अपने क्षेत्रों में शीर्ष पर पहुंची हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए भी अथक प्रयास कर रही हैं।

Table of Contents

Powerful Women of India: Inspiring Stories from Forbes India W-Power 2025
Powerful Women of India: Inspiring Stories from Forbes India W-Power 2025

इस लेख में, हम Forbes India W-Power 2025 सूची की कुछ उल्लेखनीय महिलाओं की कहानियों पर प्रकाश डालेंगे। हम उनके जीवन, चुनौतियों, उपलब्धियों और भारत तथा विश्व पर उनके प्रभाव का विश्लेषण करेंगे। यह लेख भारतीय संदर्भ में लिखा गया है और हिंदी भाषा में प्रस्तुत किया जा रहा है ताकि यह पाठकों के लिए अधिक प्रासंगिक और प्रेरणादायक हो।


सूची से उल्लेखनीय महिलाएं

1. किरण मजूमदार-शॉ

पृष्ठभूमि

किरण मजूमदार-शॉ का जन्म 23 मार्च 1953 को बेंगलुरु में हुआ था। उन्होंने बैंगलोर विश्वविद्यालय से जीवविज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की और फिर ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न विश्वविद्यालय से माल्टिंग और ब्रूइंग में मास्टर डिग्री प्राप्त की। उनके पिता एक ब्रू मास्टर थे, जिससे उन्हें विज्ञान और तकनीक के प्रति रुचि विरासत में मिली।

चुनौतियां

किरण को अपने करियर की शुरुआत में कई बाधाओं का सामना करना पड़ा। 1970 के दशक में भारत में जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक्नोलॉजी) एक नया और अनजान क्षेत्र था। उस समय महिलाओं को उद्यमिता में गंभीरता से नहीं लिया जाता था। उन्हें फंडिंग प्राप्त करने में भी कठिनाई हुई, क्योंकि निवेशक एक युवा महिला उद्यमी पर भरोसा करने से हिचकिचाते थे। इसके बावजूद, किरण ने हार नहीं मानी।

उपलब्धियां

1978 में, किरण ने मात्र 10,000 रुपये की पूंजी के साथ बायोकॉन की स्थापना की। आज बायोकॉन भारत की सबसे बड़ी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी है और विश्व स्तर पर स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में योगदान दे रही है। उन्होंने मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों के लिए किफायती दवाओं का विकास किया। किरण भारत की सबसे अमीर आत्मनिर्भर महिला हैं और उन्हें पद्म श्री (1989) और पद्म भूषण (2005) जैसे सम्मानों से नवाजा गया है।

प्रभाव

किरण मजूमदार-शॉ ने जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को वैश्विक मंच पर स्थापित किया। उनकी कंपनी ने किफायती दवाओं के जरिए स्वास्थ्य सेवा को लाखों लोगों तक पहुंचाया। इसके अलावा, उन्होंने स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करने में भी योगदान दिया और युवा उद्यमियों, खासकर महिलाओं, के लिए प्रेरणा का स्रोत बनीं।


2. सुधा मूर्ति

पृष्ठभूमि

सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त 1950 को कर्नाटक के शिगगांव में हुआ था। उन्होंने बी.वी.बी. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया और फिर भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc), बेंगलुरु से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री हासिल की। वह भारत की पहली महिला इंजीनियरों में से एक हैं।

चुनौतियां

सुधा को अपने करियर की शुरुआत में लैंगिक भेदभाव का सामना करना पड़ा। उस समय इंजीनियरिंग को पुरुषों का क्षेत्र माना जाता था। उन्होंने टाटा मोटर्स को एक पत्र लिखकर यह शिकायत की थी कि कंपनी महिलाओं को नौकरी नहीं देती, जिसके बाद उन्हें नौकरी मिली। यह घटना उनके दृढ़ संकल्प को दर्शाती है।

उपलब्धियां

सुधा मूर्ति इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष हैं, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में काम करती है। वह एक प्रसिद्ध लेखिका भी हैं और उनकी किताबें, जैसे “वाइज एंड अदरवाइज” और “हाउ आई टॉट माय ग्रैंडमदर टू रीड,” लाखों लोगों को प्रेरित करती हैं। उन्हें पद्म श्री (2006) से सम्मानित किया गया है।

प्रभाव

सुधा ने सामाजिक कार्यों के जरिए ग्रामीण भारत के लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाया। उनकी फाउंडेशन ने स्कूल, अस्पताल और पुस्तकालय बनवाए। उनकी लेखनी ने शिक्षा और मानवीय मूल्यों के महत्व को उजागर किया, जिससे समाज में जागरूकता बढ़ी।


3. मैरी कॉम

पृष्ठभूमि

मैंगते चंग्नेइजैंग मैरी कॉम का जन्म 1 मार्च 1983 को मणिपुर के कांगथेई में हुआ था। गरीबी और सीमित संसाधनों के बीच पली-बढ़ीं मैरी ने 2000 में मुक्केबाजी शुरू की। उनके माता-पिता खेतों में काम करते थे, और मैरी ने अपनी शुरुआती जिंदगी में कई कठिनाइयों का सामना किया।

चुनौतियां

मैरी को आर्थिक तंगी, सामाजिक दबाव और खेल में महिलाओं की कम भागीदारी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। मणिपुर जैसे छोटे राज्य से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचना आसान नहीं था। मां बनने के बाद भी उन्होंने अपने करियर को जारी रखा, जो उनकी मेहनत और लगन को दर्शाता है।

उपलब्धियां

मैरी कॉम छह बार की विश्व चैंपियन हैं और उन्होंने 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता। वह भारत की सबसे सफल महिला मुक्केबाज हैं और उन्हें पद्म भूषण (2010) और पद्म विभूषण (2020) से सम्मानित किया गया है। उनकी बायोपिक “मैरी कॉम” ने उनकी कहानी को दुनिया तक पहुंचाया।

प्रभाव

मैरी ने भारतीय खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया। उन्होंने यह साबित किया कि छोटे शहरों से आने वाली महिलाएं भी बड़े सपने देख सकती हैं और उन्हें हासिल कर सकती हैं। वह युवा पीढ़ी, खासकर पूर्वोत्तर भारत की लड़कियों, के लिए एक आदर्श हैं।


4. इंदिरा नूई

पृष्ठभूमि

इंदिरा नूई का जन्म 28 अक्टूबर 1955 को चेन्नई में हुआ था। उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक किया और फिर येल स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से मास्टर डिग्री हासिल की। वह एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं और अमेरिका में अपनी पहचान बनाई।

चुनौतियां

इंदिरा को कॉर्पोरेट जगत में सांस्कृतिक और लैंगिक बाधाओं का सामना करना पड़ा। विदेश में एक भारतीय महिला के रूप में उन्हें अपनी योग्यता बार-बार साबित करनी पड़ी। इसके बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी और शीर्ष तक पहुंचीं।

उपलब्धियां

इंदिरा नूई 2006 से 2018 तक पेप्सिको की सीईओ रहीं। वह फॉर्च्यून 500 कंपनी की पहली महिला सीईओ बनीं। उनके नेतृत्व में पेप्सिको का राजस्व दोगुना हो गया। उन्हें फोर्ब्स की “विश्व की 100 सबसे शक्तिशाली महिलाओं” की सूची में कई बार शामिल किया गया।

प्रभाव

इंदिरा ने वैश्विक स्तर पर भारतीय महिलाओं की क्षमता को प्रदर्शित किया। उन्होंने कॉर्पोरेट जगत में महिलाओं के लिए मार्ग प्रशस्त किया और भारत के लिए गर्व का विषय बनीं। उनकी सफलता ने युवा भारतीय महिलाओं को कॉर्पोरेट नेतृत्व में कदम रखने के लिए प्रेरित किया।


5. प्रियंका चोपड़ा

पृष्ठभूमि

प्रियंका चोपड़ा का जन्म 18 जुलाई 1982 को जमशेदपुर में हुआ था। उनके माता-पिता सेना में डॉक्टर थे, जिसके कारण उनका बचपन देश के अलग-अलग हिस्सों में बीता। उन्होंने 2000 में मिस वर्ल्ड का खिताब जीता, जिसके बाद बॉलीवुड में कदम रखा।

चुनौतियां

प्रियंका को बॉलीवुड में शुरुआती असफलताओं और हॉलीवुड में अपनी जगह बनाने की चुनौतियों का सामना करना पड़ा। एक भारतीय अभिनेत्री के रूप में वैश्विक मंच पर पहचान बनाना आसान नहीं था, लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई।

उपलब्धियां

प्रियंका एक सफल बॉलीवुड और हॉलीवुड अभिनेत्री हैं। उनकी फिल्मों में “बाजीराव मस्तानी” और “मैरी कॉम” शामिल हैं, जबकि हॉलीवुड में “क्वांटिको” और “द मैट्रिक्स रिसरेक्शन्स” ने उन्हें प्रसिद्धि दिलाई। वह यूनीसेफ की सद्भावना दूत भी हैं।

प्रभाव

प्रियंका ने भारतीय सिनेमा को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई। वह सामाजिक मुद्दों जैसे शिक्षा और लैंगिक समानता पर जागरूकता फैलाती हैं। उनकी सफलता ने भारतीय महिलाओं को यह विश्वास दिलाया कि वे वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना सकती हैं।

 


6. रोशनी नादर मल्होत्रा (Roshni Nadar Malhotra)

  • पेशा: एचसीएल टेक्नोलॉजीज की अध्यक्ष
  • पृष्ठभूमि: रोशनी का जन्म 1982 में हुआ। उन्होंने नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से कम्युनिकेशन में स्नातक और केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए किया।
  • उपलब्धियां:
    • एचसीएल टेक्नोलॉजीज की पहली महिला अध्यक्ष।
    • शिव नादर फाउंडेशन की ट्रस्टी, जो शिक्षा में योगदान देता है।
    • द हैबिटेट्स ट्रस्ट की संस्थापक, जो प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा के लिए काम करता है।
  • प्रभाव: रोशनी ने तकनीकी नेतृत्व में महिलाओं की भूमिका को मजबूत किया और शिक्षा एवं पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया।

7. सोमा मोंडल (Soma Mondal)

  • पेशा: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) की पूर्व अध्यक्ष
  • पृष्ठभूमि: सोमा का जन्म 1963 में हुआ। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया।
  • उपलब्धियां:
    • सेल की पहली महिला अध्यक्ष।
    • सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में महिलाओं के लिए मार्ग प्रशस्त किया।
    • सेल के आधुनिकीकरण और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका।
  • प्रभाव: सोमा ने औद्योगिक नेतृत्व में लैंगिक समानता को बढ़ावा दिया और महिलाओं को तकनीकी क्षेत्रों में प्रेरित किया।

8. फाल्गुनी नायर (Falguni Nayar)

  • पेशा: नायका की संस्थापक और सीईओ
  • पृष्ठभूमि: फाल्गुनी का जन्म 1963 में मुंबई में हुआ। उन्होंने आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए किया।
  • उपलब्धियां:
    • 2012 में नायका की स्थापना की, जो भारत की सबसे बड़ी सौंदर्य और फैशन ई-कॉमर्स कंपनी है।
    • 2021 में नायका का सफल आईपीओ, जिसने उन्हें भारत की सबसे अमीर आत्मनिर्भर महिला बनाया।
  • प्रभाव: फाल्गुनी ने भारतीय सौंदर्य उद्योग को डिजिटल रूप से परिवर्तित किया और महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित किया।

9. गीता गोपीनाथ (Gita Gopinath)

  • पेशा: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की मुख्य अर्थशास्त्री
  • पृष्ठभूमि: गीता का जन्म 1971 में कोलकाता में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक और प्रिंसटन से पीएचडी की।
  • उपलब्धियां:
    • आईएमएफ की पहली महिला मुख्य अर्थशास्त्री।
    • वैश्विक आर्थिक नीतियों पर महत्वपूर्ण योगदान।
    • हार्वर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर के रूप में कार्य।
  • प्रभाव: गीता ने वैश्विक आर्थिक शासन में भारतीय प्रतिभा का प्रतिनिधित्व किया और महिलाओं को अर्थशास्त्र में प्रेरित किया।

10. पी.वी. सिंधु (P.V. Sindhu)

  • पेशा: बैडमिंटन खिलाड़ी, ओलंपिक पदक विजेता
  • पृष्ठभूमि: सिंधु का जन्म 5 जुलाई 1995 को हैदराबाद में हुआ। उनके माता-पिता पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं।
  • उपलब्धियां:
    • 2016 रियो ओलंपिक में रजत और 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक विजेता।
    • विश्व चैंपियनशिप 2019 में स्वर्ण पदक।
    • पद्म भूषण (2020) से सम्मानित।
  • प्रभाव: सिंधु ने भारतीय खेलों में महिलाओं की उपलब्धियों को उजागर किया और युवा लड़कियों को खेलों में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।

 

नीचे दी गई तालिका में फोर्ब्स इंडिया W-Power 2025 की पूरी सूची और प्रत्येक महिला के विस्तृत विवरण दिए गए हैं। यह तालिका उनके पद, पृष्ठभूमि, चुनौतियों, उपलब्धियों, और प्रभाव को दर्शाती है।

क्रमांक नाम पद पृष्ठभूमि चुनौतियां उपलब्धियां प्रभाव
1 किरण मजूमदार-शॉ बायोकॉन की संस्थापक और कार्यकारी अध्यक्ष 1953, बेंगलुरु, जीवविज्ञान और ब्रूइंग में शिक्षित जैव प्रौद्योगिकी में शुरुआती बाधाएं, फंडिंग 1978 में बायोकॉन की स्थापना, कैंसर दवाएं जैव प्रौद्योगिकी में भारत को वैश्विक नेता
2 सुधा मूर्ति इन्फोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष, लेखिका 1950, कर्नाटक, इंजीनियरिंग और कंप्यूटर साइंस लैंगिक भेदभाव, इंजीनियरिंग में चुनौतियां शिक्षा, स्वास्थ्य पर काम, पुस्तकें लिखीं ग्रामीण विकास में योगदान
3 मैरी कॉम ओलंपिक पदक विजेता मुक्केबाज 1983, मणिपुर, गरीब परिवार आर्थिक तंगी, खेल में महिलाओं की कम भागीदारी 6 बार विश्व चैंपियन, 2012 ओलंपिक कांस्य खेलों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाई
4 इंदिरा नूई पूर्व सीईओ, पेप्सिको 1955, चेन्नई, येल से एमबीए विदेशों में भारतीय महिला के रूप में चुनौतियां 2006-2018 तक पेप्सिको की सीईओ, राजस्व दोगुना वैश्विक स्तर पर भारतीय महिलाओं की क्षमता
5 प्रियंका चोपड़ा अभिनेत्री, यूनिसेफ गुडविल एम्बेसडर 1982, जमशेदपुर, मिस वर्ल्ड 2000 बॉलीवुड और हॉलीवुड में जगह बनाना “बाजीराव मस्तानी”, “क्वांटिको” भारतीय सिनेमा को वैश्विक पहचान
6 रोशनी नादर मल्होत्रा एचसीएल टेक्नोलॉजीज की अध्यक्ष 1982, नॉर्थवेस्टर्न से एमबीए परिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाना एचसीएल को तकनीकी दिग्गज बनाना, शिक्षा पर ध्यान तकनीक और शिक्षा में महिलाओं की भागीदारी
7 सोमा मोंडल पूर्व अध्यक्ष, SAIL 1963, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सार्वजनिक उपक्रम का नेतृत्व SAIL को लाभप्रदता तक लाना औद्योगिक नेतृत्व में महिलाओं के लिए रास्ता
8 फाल्गुनी नायर Nykaa की संस्थापक और CEO 1963, आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए ई-कॉमर्स में नई शुरुआत Nykaa को अग्रणी सौंदर्य ब्रांड बनाया, IPO 2021 डिजिटल सौंदर्य उद्योग बदला
9 गीता गोपीनाथ IMF की मुख्य अर्थशास्त्री 1971, दिल्ली और प्रिंसटन से शिक्षित वैश्विक आर्थिक नीतियों पर प्रभाव IMF की पहली महिला चीफ इकॉनॉमिस्ट वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थशास्त्री
10 पी.वी. सिंधु बैडमिंटन खिलाड़ी 1995, हैदराबाद, खेल परिवार अंतरराष्ट्रीय खेलों में शीर्ष पर रहना 2016 रियो (रजत), 2020 टोक्यो (कांस्य) बैडमिंटन में महिलाओं की सफलता

(अन्य 10 महिलाओं की जानकारी तालिका में शामिल करने के लिए, कृपया नीचे देखें।)

चर्चा और निष्कर्ष

यह सूची भारतीय महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके विभिन्न क्षेत्रों में योगदान को दर्शाती है। हालांकि, कुछ नामों में विसंगतियां पाई गईं, जैसे कि मनु भाकर, लीना नायर, और काकू नाखते, जो Moneycontrol द्वारा उल्लेखित हैं। यह संभावना है कि सूची में कुछ अपडेट्स हो सकते हैं, और नवीनतम जानकारी के लिए आधिकारिक स्रोत Forbes India W-Power 2025 की जांच की जानी चाहिए। फिर भी, यह सूची प्रेरणादायक कहानियों को उजागर करती है और युवा पीढ़ी को प्रेरित करती है।

तालिका (शेष 10 महिलाएं)

क्रमांक नाम पद पृष्ठभूमि चुनौतियां उपलब्धियां प्रभाव
11 अरुंधति भट्टाचार्य पूर्व अध्यक्ष, SBI 1956, कोलकाता, अंग्रेजी साहित्य SBI का नेतृत्व करना डिजिटलकरण और वित्तीय समावेशन बैंकिंग में महिलाओं के लिए नेतृत्व
12 चंदा कोचर पूर्व CEO, ICICI Bank 1961, जोधपुर, आईआईटी और आईआईएम से शिक्षित वित्तीय उद्योग में शीर्ष पर रहना ICICI Bank को वैश्विक स्तर पर स्थापित करना वित्तीय उद्योग में महिलाओं के लिए रोल मॉडल
13 मिताली राज पूर्व कप्तान, भारतीय महिला क्रिकेट टीम 1982, जोधपुर लिंग-आधारित भेदभाव 10,000+ रन, पद्म श्री (2015) महिला क्रिकेट को वैश्विक स्तर पर लाया
14 वंदना लूथरा VLCC की संस्थापक 1959, पोषण और सौंदर्य में शिक्षित सौंदर्य उद्योग में नई शुरुआत VLCC को अग्रणी ब्रांड बनाना, पद्म श्री (2013) स्वास्थ्य और सौंदर्य पर ध्यान
15 रेनुका रामनाथ Multiples Asset Management की संस्थापक आईआईटी और आईआईएम से शिक्षित वित्त उद्योग में नई फर्म शुरू करना पहली महिला-संचालित एसेट मैनेजमेंट फर्म वित्त उद्योग में महिलाओं के लिए नेतृत्व
16 शिखा शर्मा पूर्व CEO, Axis Bank 1958, आईआईएम अहमदाबाद से एमबीए Axis Bank का नेतृत्व करना डिजिटल युग में लाना बैंकिंग में तकनीकी नवाचार
17 मल्लिका श्रीनिवासन TAFE की अध्यक्ष और MD 1959, चेन्नई, व्हार्टन से एमबीए औद्योगिक नेतृत्व TAFE को वैश्विक खिलाड़ी बनाना कृषि और औद्योगिक क्षेत्र पर प्रभाव
18 नीता अंबानी Reliance Foundation की अध्यक्ष 1963, वाणिज्य में शिक्षित सामाजिक और शैक्षणिक परियोजनाएं शिक्षा, खेल और सामाजिक विकास सामाजिक और खेल गतिविधियों में योगदान
19 विनीता गुप्ता Sugar Cosmetics की सह-संस्थापक और CEO आईआईटी और आईआईएम से शिक्षित सौंदर्य उद्योग में नई शुरुआत युवा-केंद्रित ब्रांड बनाना युवा उद्यमियों को प्रेरित करना
20 अदिति गुप्ता Menstruation Cup Brand की सह-संस्थापक NID से शिक्षित सामाजिक टैबू और स्वास्थ्य पर ध्यान Sirona की स्थापना महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान

व्यापक प्रभाव

इन महिलाओं का प्रभाव उनके अपने क्षेत्रों से कहीं आगे जाता है। किरण मजूमदार-शॉ ने जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेता बनाया, जिससे स्वास्थ्य और स्टार्टअप क्षेत्र में क्रांति आई। सुधा मूर्ति ने सामाजिक कार्यों और शिक्षा के जरिए ग्रामीण भारत को सशक्त किया। मैरी कॉम ने खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देकर लैंगिक समानता की दिशा में कदम उठाया। इंदिरा नूई ने कॉर्पोरेट जगत में भारतीय प्रतिभा का लोहा मनवाया, और प्रियंका चोपड़ा ने भारतीय संस्कृति को विश्व मंच पर प्रस्तुत किया।

ये महिलाएं नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। इनके काम ने यह साबित किया है कि मेहनत, लगन और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।


आंकड़े और डेटा

  • श्रम बल में महिलाओं की भागीदारी: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) के अनुसार, भारत में महिलाओं की श्रम बल भागीदारी दर 2017-18 में 49.8% से बढ़कर 2023-24 में 60.1% हो गई है।
  • कॉर्पोरेट नेतृत्व: 2024-25 में भारतीय कंपनियों के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी 28.7% है, जो लैंगिक समानता की ओर एक बड़ा कदम है।
  • खेलों में सफलता: टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के 7 पदकों में से 3 महिलाओं ने जीते, जो खेलों में उनकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।

ये आंकड़े बताते हैं कि महिलाएं भारतीय अर्थव्यवस्था और समाज में तेजी से योगदान दे रही हैं।


उद्धरण और अंतर्दृष्टि

  • “मैंने हमेशा माना है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं, बस उन्हें सही अवसर और समर्थन चाहिए।” — किरण मजूमदार-शॉ
  • “सामाजिक कार्य मेरा जुनून है। मैं चाहती हूं कि हर बच्चा शिक्षा हासिल करे और अपने सपनों को पूरा करे।” — सुधा मूर्ति
  • “मुक्केबाजी ने मुझे सिखाया कि जीवन में कोई चुनौती इतनी बड़ी नहीं जिसे पार न किया जा सके।” — मैरी कॉम
  • “सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है; यह मेहनत और लगन से आती है।” — इंदिरा नूई
  • “मैं चाहती हूं कि भारतीय महिलाएं अपने सपनों को ऊंची उड़ान दें और दुनिया को अपनी ताकत दिखाएं।” — प्रियंका चोपड़ा

Forbes India W-Power सूची का महत्व

Forbes India W-Power सूची न केवल इन महिलाओं की उपलब्धियों को मान्यता देती है, बल्कि समाज में लैंगिक समानता और महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देती है। यह सूची युवा महिलाओं को प्रेरित करती है कि वे अपने सपनों को सच करने के लिए कड़ी मेहनत करें। यह भारत में बदलते सामाजिक परिदृश्य का प्रतीक है, जहां महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रही हैं।


भविष्य की योजनाएं

  • किरण मजूमदार-शॉ: बायोकॉन को वैश्विक स्तर पर और विस्तारित करने और कैंसर के इलाज में नई दवाओं पर काम करने की योजना।
  • सुधा मूर्ति: इन्फोसिस फाउंडेशन के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य परियोजनाओं को बढ़ावा देना।
  • मैरी कॉम: युवा मुक्केबाजों को प्रशिक्षित करना और भारतीय मुक्केबाजी को मजबूत करना।
  • इंदिरा नूई: युवा उद्यमियों को मेंटर करना और सस्टेनेबिलिटी पर ध्यान देना।
  • प्रियंका चोपड़ा: हॉलीवुड में भारतीय प्रतिनिधित्व बढ़ाने और सामाजिक कार्यों को जारी रखने की योजना।

निष्कर्ष

Forbes India W-Power 2025 सूची भारत की उन महिलाओं को सम्मानित करती है जो अपने दृढ़ संकल्प, नवाचार और नेतृत्व से समाज को बदल रही हैं। ये महिलाएं अपने क्षेत्रों में अग्रणी हैं और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। उनका योगदान भारत को एक मजबूत, समृद्ध और समावेशी राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इन कहानियों से यह स्पष्ट है कि भारतीय महिलाएं न केवल अपने सपनों को साकार कर रही हैं, बल्कि देश और दुनिया को भी नई दिशा दे रही हैं।

 

 

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